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‘पंजाब में लागू न हुआ यह हुकम तो शिक्षा विभाग छात्र को नहीं मानेंगे 10वीं पास…’

‘पंजाब में लागू न हुआ यह हुकम तो शिक्षा विभाग छात्र को नहीं मानेंगे 10वीं पास…’

– सूबे में अब किसी भी बोर्ड से बिना पंजाबी मुख्य सब्जेक्ट के 10वीं नहीं समझा जाएगा पास

शिक्षा फोकस, जालंधर। सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (सीबीएसई) की 10वीं की बोर्ड परीक्षा 2026 में क्षेत्रीय मुख्य भाषाओं में से पंजाबी (Code 004) को हटाने पर शिक्षा मंत्री ने आपत्ति जताई है। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने इसे गलत करार देते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो जारी किया था। अब सीबीएसई के कदम पर पंजाब सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को नोटिफिकेशन जारी किया है। सीबीएसई ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत 2025-26 के लिए ‘Two Time 10th Board Exam’ स्कीम का ड्राफ्ट जारी किया है।

इसके तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से 10वीं क्लास के लिए दो परीक्षाएं आयोजित करने का प्रस्ताव रखा गया है। नया ड्राफ्ट अगले साल से लागू किए जाने की बातें सामने आई हैं। इसका मतलब 10वीं क्लास के विद्यार्थी 2 में से किसी 1 विषय को चुन सकेंगे। उनके पास एक ही एग्जाम में बैठने का विकल्प होगा। इस फैसले पर कई शिक्षाविदों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। वहीं, पंजाब सरकार मुख्य भाषा से पंजाबी को हटाने पर अपनी आपत्ति जाहिर कर रही है।

पंजाब सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में लिखा है कि सूबे में अब किसी भी बोर्ड से बिना पंजाबी मुख्य सब्जेक्ट के 10वीं पास नहीं समझा जाएगा। पंजाब में अब पंजाबी को मुख्य सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा, चाहे स्कूल किसी भी बोर्ड से संबंधित हो। सरकार के आदेशों की अवहेलना करने वाले स्कूलों के खिलाफ ‘पंजाब पंजाबी और अन्य भाषाएं सीखना’ अधिनियम 2008 के तहत एक्शन लिया जाएगा।

हिंदी तीसरी से 8वीं तक जरूरी

गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा में सरकार ने पंजाबी व अन्य भाषाएं शिक्षा (संशोधन) बिल 2021 पास किया था। इस बिल में सूबे के स्कूलों में 10वीं क्लास तक पंजाबी को जरूरी विषय बनाने का प्रावधान किया गया था। सरकारी दफ्तरों में भी पंजाबी को जरूरी किया गया था। इस अधिनियम के तहत पंजाबी 1 से 10वीं क्लास तक जरूरी विषय है, जबकि हिंदी तीसरी से 8वीं क्लास तक जरूरी है। सरकार ने इसकी उल्लंघना करने पर जुर्माने का प्रावधान किया था। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अपने पोस्ट में लिखा था कि वे सीबीएसई के नए पैटर्न का विरोध करते हैं, पंजाबी को मिटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

पंजाबी को पंजाब में मुख्य भाषा के तौर पर नामित किया जाए। देश के दूसरे राज्यों के लिए क्षेत्रीय भाषा मानी जाए। पंजाबी कई राज्यों में बोली जाती है। पंजाबी पर हमला बर्दाश्त नहीं होगा। मामले में अब सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. संयम भारद्वाज की प्रतिक्रिया सामने आई है। सीबीएसई के सूत्रों के मुताबिक यह सूची सांकेतिक है, अभी विषयों में बदलाव नहीं किया गया है। अगले साल भी पंजाबी भाषा का एग्जाम होगा। सभी विषय अगले साल दो बोर्ड परीक्षाओं में जारी रहेंगे।