कोचिंग सेंटरों के खिलाफ उच्च न्यायालय ने दिए कर्यवाही करने के हुकम
– दायर याचिका पर अदालत ने दिया कोचिंग सेंटरों को तीन माह का समय
शिक्षा फोकस, अमृतसर। बिल्डिंग कोड का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ ने कार्यवाही करने के हुकम दिए हैं। इसके लिए चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को तीन महीने का समय मिला है। एडवोकेट निखिल थम्मन द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) के अनुसार, बेसमेंट में चल रहे कई कोचिंग सेंटरों के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं हैं और वे चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स, 2017 और फायर सेफ्टी रूल्स, 1991 का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे छात्रों की सुरक्षा खतरे में है।
याचिका पर एक डिवीजन बेंच ने की सुनवाई
एडवोकेट निखिल थम्मन ने हाईकोर्ट में तर्क दिया कि सेक्टर 34 और सेक्टर 17 जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोचिंग संस्थानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उन पर कोई नियंत्रण नहीं है। याचिका पर एक डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। जवाब में चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि एस्टेट शाखा ने कई क्षेत्रों, लगभग 28 दुकान-सह-कार्यालयों (एससीओ) में निरीक्षण किया और सात मामलों में उल्लंघन पाया। इसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
तीन महीने का दिया समय
सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने कोर्ट को बताया कि सेक्टर 34 के सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के पास उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही लंबित है। इसके बाद कोर्ट ने एसडीएम को तीन महीने के भीतर कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो याचिकाकर्ता निखिल थम्मन अपनी याचिका फिर से शुरू कर सकते हैं। थम्मन ने कहा कि शिक्षा देश की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों में हो रही इन अनियमितताओं के कारण छात्रों की जान खतरे में है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।