विधानसभा में सरकार का दावा सोलर एनर्जी से पैदा हो रही है पावर
– अधिकांश स्कूलों में आरंभ भी नहीं हो सके हैं सोलर एनर्जी पैनल
शिक्षा फोकस, चंडीगढ़। पंजाब की मान सरकार द्वारा राज्य में रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्कूलों में सोलर एनर्जी पैनल लगा रही है। इन पैनल से हर साल 2.89 करोड़ अधिक यूनिट ग्रीन पावर प्रोड्यूस हो रही है। इस बात की जानकारी प्रदेश के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री अमन अरोड़ा ने विधानसभा में दी है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के कुल 4238 सरकारी स्कूलों में 21.19 मेगावाट क्षमता वाले PV (सौर फोटोवोल्टिक) लगाए गए हैं। हैरानी तो यह है कि विधानसभा में यह दावा तो किया है कि सरकारी स्कूलों में सोलर पैनल से एनर्जी पैदा हो रही है लेकिन खास तो यह है कि अभी तक अधिकांश स्कूलों में यह पैनल चल ही नहीं सके हैं। जिन स्कूलों में सोलर एनर्जी पैनल लगे हैं उनके पैंडिंग बिल अदा न होने के कारण पावरकॉम से आज्ञा भी नहीं मिल सकी है।
सदन में बोले मंत्री अमन अरोड़ा
सदन में सनौर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने सरकार से राज्य के सरकारी स्कूलों की बिल्डिंग पर लगाए सोलर एनर्जी पैनल की मरम्मत को लेकर सवाल किया। इसके जवाब में मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (PEDA) की तरफ से सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने वाले विक्रेताओं के साथ 5 साल के लिए वार्षिक रखरखाव समझौता (AMC) किया जाता है। इस समझौते के अनुसार, विक्रेताओं को सोलर पैनल का त्रैमासिक निरीक्षण करना होगा और शिकायत प्राप्त होने के 72 घंटे के अंदर किसी भी टेक्नीकल प्रोब्लम का समाधान करना होगा।
कैसे बढ़ेगा स्कूलों का AMC
अमन अरोड़ा ने कहा कि इस समझौते का पालन न करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि 880 स्कूलों की AMC मई 2026 में समाप्त हो जाएगी। वहीं, PEDA छत पर स्थापित सोलर एनर्जी पैनल को 20 साल तक AMC प्रदान करेगा। इसे बढ़ाया जा सकता है बशर्ते कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड AMC को मंजूरी दे। इसके खर्च का भुगतान किया जाना चाहिए।
रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा
उन्होंने कहा कि PEDA ने सरकारी भवनों पर 34 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित करके रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने में एक बड़ा कदम उठाया है। इस काम में और तेजी लाने के लिए, PEDA ने कैपेक्स मोड के तहत अतिरिक्त 2.70 मेगावाट के लिए कार्य आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह पहल पंजाब के रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ाने और पावर सेक्टर को कार्बन मुक्त बनाने के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।